वृक्षारोपणम्, तृतीयः पाठः आमोदिनी, प्रथमः भागः

वृक्षारोपणम्

 तृतीयः पाठः

अभ्यास-प्रश्ना:

  1. शुद्धम् उच्चारणं कुरुत-

          वृक्षारोपणम्        जन्मतः

         प्राङ्गणे            मृत्युपर्यन्तम्

         किमर्थम्         कर्तयिष्यति

         विद्यालये        वृक्षरक्षायै

निर्देश :- विद्यार्थी स्वयं करें।

2.उत्तराणि लिखत-

          प्रश्न:- (क) उत्तराखण्डे कति जनपदानि सन्ति ?

          उत्तरम्-उत्तराखण्डे त्रयोदश जनपदानि सन्ति।

          प्रश्न: (ख) उत्तराखण्डे वृक्षरक्षायै किम् आन्दोलनम् अभवत् ?

         उत्तरम्-उत्तराखण्डे वृक्षरक्षायै ‘चिपको आन्दोलनम्’ अभवत्।

        प्रश्न:(ग) सुरेन्द्रः एकपदेन किम् अकथयत्?

       उत्तरम्- सुरेन्द्रः एकपदेन अकथयत् “उटि देह च नै अपि पौरु उवाच” इति।

      प्रश्न:-(घ) मेधावी बालकः कः आसीत् ?

     उत्तरम्- मेधावी बालकः सुरेन्द्रः आसीत्।

3.उपसर्गान् योजयित्वा शब्दनिर्माणं कुरुत-

            (सु. आ. प्रति, उप)

            सु + मति = सुमति

           आ+ लेख =आलेख

           प्रति +दिन= प्रतिदिन

          उप+स्थित=उपस्थित

4.अनुवादं कुरुत-

  1. मातः ! नमो नमः।

      माता तुम्हें नमस्कार है।

  1. अद्य अहम् अतीव प्रसन्ना अस्मि।

      आज मैं बहुत प्रसन्न हूँ।

  1. अहं वृक्षरक्षकस्य अभिनयं करिष्यामि।

       मैं वृक्षरक्षक का अभिनय करूँगी।

  1. प्रातः कालस्य समयः आसीत्।

       सुबह का समय था।

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