मातृभूमे! नमः प्रथमः पाठः आमोदिनी भाग-1

मातृभूमे! नमः

अभ्यास-प्रश्नाः

प्रश्न:-1 :-  वन्दनां साभिनयं सस्वरं गायत।

निर्देश :- विद्यार्थी अभिनय पूर्वक वन्दना का गायन करेंगे।

 प्रश्न: 2 :- पंक्तिषु रिक्तस्थानानि पूरयत-

(क) अग्रतस्ते नमः पृष्ठतस्ते नमः।

(ख) मातृभूमे! नमो मातृभूमे! नमः।

(ग) ते कणेभ्यो नमस्ते अणुभ्यो नमः।

(घ) ते गिरिभ्यो नमस्ते नदीभ्यो नमः।

प्रश्न: ‌3 :- चित्राधारित-प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत (चित्र आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखें)-

(क) पूर्वस्यां दिशि कः उदेति?

उत्तरम् – पूर्वस्यां दिशि सूर्यः उदेति।

(ख) शरदस्य उत्तरतः किम् अस्ति?

उत्तरम्-शरदस्य उत्तरतः कन्दुकम् अस्ति ।

(ग) पुष्पाणि कुत्र सन्ति?

उत्तरम्-पुष्पाणि शरदस्य दक्षिणतः सन्ति।

(घ) शरदस्य पूर्वतः  किं किम् अस्ति?

उत्तरम्  – ‌शरदस्य पूर्वतः सूर्यः, पर्वतः, वृक्षः च अस्ति ।

4.उचितं मेलनं कुरुत(उचित मिलान करो)-

माता          –       सरिता

गिरिः           –      काननम्

नदी           –        जननी 

वनम्         –        पर्वतः

उत्तरम्-

माता          –       जननी

गिरिः           –       पर्वतः

नदी           –        सरिता 

वनम्         –        काननम्

प्रश्न: 5:- विलोमपदानि लिखत(विलोम शब्दो लिखो)-

उत्तरम्-

 माता         –          पिता    

अग्रतः        –          पृष्ठतः

ऊर्ध्वतः      –         अधः  

वामतः       –         दक्षिणतः

प्रश्न: 6:- उदाहरणानुसारं निम्नलिखितपदानि सम्बोधने परिवर्तयत(उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्दों को सम्बोधन में परिवर्तित करो)

उत्तरम् -यथा-

          चन्द्रः-  हे चन्द्र!                                छात्रा   –   हे छात्रे!

(क) रामः – हे राम!                      (क) लता – हे लते!

(ख) छात्रः – हे छात्र!                    (ख)बाला – हे बाले!

(ग) शिष्यः – हे शिष्य!                  (ग) प्रियंवदा- हे प्रियंवदे!

प्रश्न:- 7- उचित पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत-

उत्तरम् –

(क) परोपकारः पुण्याय भवति। (पुण्यस्य, पुण्याय)

(ख) प्रधानाचार्यः छात्रेभ्यः पारितोषिकं ददाति। (छात्रं, छात्रेभ्यः)

(ग) तत्र ते देवेभ्यः पुष्पाणि अर्पयन्ति। (देवः, देवेभ्यः)

(घ) माता बालकाय मोदकं ददाति । (बालकाय, बालकः)

प्रश्न: 8:-  यथायोग्यं योजयत(सही मिलान करो)-

उत्तरम्-

                               क्रीडनकम्         –     खेलनाय

दीपकः              –      प्रकाशाय

धनम्                –       दानाय

दुग्धम्              –        पोषणाय

परोपकारः       –        पुण्याय

 

गतिविधिः-सभी विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक में निर्देशित गतिविधि को करें।

नोट-पाठ्यपुस्तक में प्रश्न संख्या 3 के ‘ग’ में फलानि कुत्र सन्ति ? प्रश्न दिया गया है जो यहां प्रासंगिक नही है क्योंकि चित्र में कहीं भी फल नही दिए गए हैं जबकि टोकरी में पुष्प रखे गए हैं इसीलिए प्रश्न को परिवर्तित करके पुष्पाणि कुत्र सन्ति? यह पूछा गया है जो कि प्रासंगिक भी है।

द्वितीय पाठ -‘मेधावी बालकः’ के प्रश्नों के उत्तरों के लिए यहां क्लिक करें-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!